क्या सुहाना है मौसम कसम से।
आज कर लो सनम प्यार हमसे।
हो रही है सितारों की बारिश,
चांदनी भी खिली आज दम से।
कितनी उलझन है मेरे जिगर में।
कस लो बांहों के अपने भंवर में।
कतरा कतरा पिघलने लगा है,
सांस थमने लगी इस घुटन में।
मर न जाँऊ मैं ऐसी चुभन में।
क्या है समझो सनम मेरे मन मे।
टूट कर आज बरसो घटा सी,
बह चलू मैं नदी सी छुअन में।
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